शुक्रवार, 23 मार्च 2012

रुसवा हुए

रुसवा हुए , वो हमसे जाने किस बात पर'
तन्हाई में वो हमे याद करते है आसूं बहा -२ कर ,
मै कहता हूँ प्यार करते हो हम से ,तो क्यों रुसवा हो जाते हो ,

तुम्हे  तन्हाई इतनी अच्छी  लगती है ,
की तन्हाई में ही खो जाते हो ,
और दुनिया को भूल कर हमको भी भूल जाते हो |

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