रुसवा हुए , वो हमसे जाने किस बात पर'
तन्हाई में वो हमे याद करते है आसूं बहा -२ कर ,
मै कहता हूँ प्यार करते हो हम से ,तो क्यों रुसवा हो जाते हो ,
तुम्हे तन्हाई इतनी अच्छी लगती है ,
की तन्हाई में ही खो जाते हो ,
और दुनिया को भूल कर हमको भी भूल जाते हो |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें