कहते है लोग अनाड़ी हो ।
कहते है लोग अनाड़ी हो ,
अनाड़ी ही रहना ।
अनाड़ी होते हैं दिल के साफ ,
इस दुनिया में जो अनाड़ी नहीं है ,
उनके दिल में होता है पाप ,
अगर पाप इस तरह होता है,
तो मै साफ ही रहना चाहता हूँ ।
अनाड़ी हूँ ,अनाड़ी ही रहना चाहता हूँ ।
अनाड़ी अपनी जिन्दगी को मस्त हो कर जीना जानता है ,
जिन्दगी के हसीन लम्हों को पा कर उस में खो जाना जानता है ,
इस लिए कहता हूँ , अनाड़ी हूँ ,अनाड़ी ही रहना चाहता हूँ ।
जो अनाड़ी नही वो जिन्दगी के हसीन लम्हों को अपनी परेशानीयो से परेशान हो कर ,
उस प्यारे से पल को परेशान हो कर ही जीते है ,और जिन्दगी का रंग कहा है उन्हें पता नही ।
इस लिए कहता हूँ , अनाड़ी हूँ ,अनाड़ी ही रहना चाहता हूँ ।
kya baat hai bahut accha kya likha hai gud ...............
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